Kavita Jha

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तिरंगा #लेखनी दैनिक कविता प्रतियोगिता -08-Aug-2022

चौपई छंद (जयकारी छंद)
सृजन शब्द - तिरंगा
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देख तिरंगा,बढ़ता शान।
इसका न कभी, हो अपमान।।
देश हमारा, सबसे खास।
आता सबको, है यह रास।।

आज तिरंगा , आया याद।
कल सड़कों पर, उसके बाद।।
स्वतंत्रता दिन , भरकर जोश।
खोना मत फिर,अपने होश।।

इसमें सुंदर, तीनों रंग।
देते शिक्षा, बदलो ढंग।।
झुकने मत दो, इसको आज।
इससे बचती , अपनी लाज।।
***
कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी
## लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता 
08.08.2022

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10 Comments

shweta soni

11-Aug-2022 06:26 AM

Nice 👍

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Raziya bano

09-Aug-2022 10:15 AM

Bahut sundar rachna

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लाजवाब

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